"भारतीय संगीत साहित्य में लौकिक और अलौकिक विचार"

Authors

  • नितिन कौशिक Author

Abstract

"भारतीय संगीत साहित्य में लौकिक और अलौकिक विचार" का अभिष्ट इस विषय पर एक संक्षिप्त अध्ययन प्रस्तुत करेगा जो भारतीय संगीत साहित्य के दो महत्वपूर्ण पहलुओं - लौकिक और अलौकिक - की गहराई को समझने का प्रयास करेगा।लौकिक और अलौकिक शब्दों का अर्थ संगीत साहित्य के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है। लौकिक संगीत साहित्य जीवन के साधारण, भौतिक और सामान्य अनुभवों को व्यक्त करता है, जबकि अलौकिक संगीत साहित्य ऊँचाईयों की ओर दिखाता है, जैसे कि ध्यान, आध्यात्मिकता, और आत्मा के संवाद।भारतीय संगीत साहित्य में लौकिक और अलौकिक विचार एक अन्य दृष्टिकोण प्रदान करता है

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Published

2023-08-30

How to Cite

"भारतीय संगीत साहित्य में लौकिक और अलौकिक विचार". (2023). अमृत काल (Amrit Kaal), ISSN: 3048-5118, 1(1), 27-30. https://languagejournals.com/index.php/amritkaal_Journal/article/view/29