तुलसीदास के रामचरितमानस में भक्ति तत्व
Abstract
तुलसीदास कृत रामचरितमानस भक्ति साहित्य की एक अमूल्य काव्य-रचना है, जिसमें भक्ति तत्व की प्रमुखता स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। यह ग्रंथ न केवल भगवान राम के चरित्र का वर्णन करता है, बल्कि उसमें भक्त और भगवान के मधुर संबंध की भी गहन व्याख्या मिलती है रामचरितमानस में तुलसीदास ने भक्ति को मोक्ष प्राप्ति का सर्वोत्तम मार्ग बताया है। वे शुद्ध, निष्काम, और सगुण भक्ति के पक्षधर हैं। उनकी भक्ति राम के प्रति पूर्ण समर्पण, श्रद्धा और प्रेम पर आधारित है। उन्होंने भगवान राम को सगुण ब्रह्म के रूप में चित्रित किया है, जो करुणा, दया और धर्म के प्रतीक हैं।
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