शाहाबाद जिले में भू-राजस्व प्रशासन की उत्पत्ति एवं विकास: एक अध्ययन (1780 से 1880 ई. तक)
Abstract
शाहाबाद जिले में भू-राजस्व प्रशासन की उत्पत्ति और विकास एक ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। इस क्षेत्र में भू-राजस्व व्यवस्था की नींव प्राचीन काल से ही रखी गई थी, जब स्थानीय शासकों द्वारा भूमि कर प्रणाली को आय का मुख्य स्रोत बनाया गया। मध्यकालीन काल में यह प्रणाली अधिक संगठित रूप में विकसित हुई, विशेष रूप से मुगल शासन में टोडरमल की राजस्व नीति का प्रभाव यहां भी देखा गया। ब्रिटिश शासनकाल में शाहाबाद जिले में राजस्व प्रशासन को आधुनिक ढांचे में ढाला गया, जिसमें भूमि सर्वेक्षण, अभिलेखों का रख-रखाव और कर संग्रहण की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया गया। स्वतंत्रता के बाद इस जिले में भूमि सुधार, डिजिटल भू-अभिलेख और पंचायत स्तर पर राजस्व व्यवस्था के विकेंद्रीकरण जैसी पहलें की गईं, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता और किसानों की स्थिति में सुधार हुआ।
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